ChatGPT said:
बिहार अंडर-19 और सीनियर पुरुष टीमों में सूर्यवंशी को कोचिंग दे चुके अशोक कुमार का मानना है कि यदि सूर्यवंशी अपनी फिटनेस और फील्डिंग में सुधार करते हैं, तो वे जल्द ही सीनियर पुरुष टी-20 टीम का हिस्सा बन सकते हैं।
आईपीएल 2025 में भले ही राजस्थान रॉयल्स का प्रदर्शन संतोषजनक न रहा हो, लेकिन टीम के युवा बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने अपने दमदार खेल से सबका दिल जीत लिया। उन्होंने 7 पारियों में 252 रन बनाए, जिसमें गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 35 गेंदों में शानदार शतक और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ अर्धशतक शामिल है। उनका आक्रामक खेल और आत्मविश्वास प्रशंसकों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा का विषय बन गया।
अगली चुनौती: भारत अंडर-19 के साथ इंग्लैंड दौरा
अब सूर्यवंशी की अगली बड़ी परीक्षा भारत अंडर-19 टीम के साथ जून-जुलाई में इंग्लैंड दौरे पर होगी। इस दौरे में टीम को 50 ओवर का अभ्यास मैच, पांच एकदिवसीय मुकाबले और दो बहु-दिवसीय मैच खेलने हैं। यह उनके लिए इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण पिचों और मौसम में खुद को साबित करने का सुनहरा मौका होगा और साथ ही 2026 अंडर-19 वर्ल्ड कप की तैयारियों की भी शुरुआत।
कोच अशोक कुमार का भरोसा: सीनियर टीम का भविष्य सितारा
बिहार अंडर-19 और पुरुष सीनियर टीमों में सूर्यवंशी को कोचिंग दे चुके अशोक कुमार को भरोसा है कि वैभव जल्द ही भारत की सीनियर टी-20 टीम का हिस्सा बन सकते हैं। उन्होंने कहा, “अगर वैभव अपनी फिटनेस और फील्डिंग पर ध्यान देता है, तो वह दो वर्षों में भारतीय टी-20 टीम में जगह बना सकता है। बीसीसीआई निश्चित रूप से ऐसे युवा टैलेंट को मौका देगा, खासकर जब टीम में ज़्यादातर खिलाड़ी 25 साल से कम उम्र के हैं।”
गुजरात टाइटन्स के खिलाफ दिखाया अकेले मैच जिताने का जज्बा
कोच कुमार ने विशेष रूप से गुजरात के खिलाफ उनकी शतकीय पारी को याद करते हुए कहा, “बचपन से ही उसमें अकेले दम पर मैच जिताने का जज्बा रहा है। वैभव का इरादा और खेल का तरीका हमेशा से ही आक्रामक रहा है, और वह उसमें सहज महसूस करता है।”
द्रविड़ और राठौर के साथ मिला तकनीकी निखार
राहुल द्रविड़ और विक्रम राठौर जैसे अनुभवी कोचों के मार्गदर्शन में सूर्यवंशी की बल्लेबाज़ी में और परिपक्वता आई है। अशोक कुमार ने बताया, “सफेद गेंद से की गई तैयारी और तीन महीनों की मेहनत ने उसे मानसिक रूप से काफी मजबूत बना दिया है। अब वह हालात को बेहतर समझने और खुद को उसके अनुसार ढालने में माहिर हो चुका है।”
मानसिक मजबूती बनी उनकी सबसे बड़ी ताकत
अशोक कुमार ने कहा, “आईपीएल के दौरान उससे हुई बातचीत से ये स्पष्ट है कि वह पहले से कहीं ज़्यादा मानसिक रूप से मजबूत हो गया है। उसकी तकनीक पर कभी सवाल नहीं थे, लेकिन अब उसका आत्मविश्वास, सोच और खेल को पढ़ने की क्षमता, उसे एक बेहतरीन खिलाड़ी बनाती है।”